राष्ट्रीय डायरिया रोको अभियान National STOP Diarrhoea Campaign 2024

gkadda

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  • राष्ट्रीय डायरिया रोको अभियान का लक्ष्य दो महीने की अवधि में एक व्यापक, बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण के माध्यम से डायरिया से बच्चों की मृत्यु को शून्य तक पहुंचाना है।
  • स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करना: स्वास्थ्य सुविधाओं के रखरखाव और आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति (ORS, जिंक) की उपलब्धता सुनिश्चित करना, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में।
  • स्वच्छ जल और स्वच्छता तक पहुंच में सुधार: सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता के लिए गुणवत्ता नियंत्रण उपायों और टिकाऊ प्रथाओं को लागू करना।
  • पोषण कार्यक्रमों को बढ़ावा देना: डायरिया रोगों को रोकने के लिए कुपोषण से निपटना।
  • स्वच्छता शिक्षा को बढ़ावा देना: स्कूलों में आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना और बच्चों को स्वच्छता के बारे में शिक्षित करना।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने राष्ट्रीय दस्त रोको अभियान National STOP Diarrhoea Campaign 2024 2024 का शुभारंभ किया।

दो महीने का यह अभियान 1 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा।

दस्त रोको अभियान के पीछे का लक्ष्य बचपन में दस्त के कारण होने वाली बच्चों की मृत्यु को शून्य करना है। मौजूदा दस्त रणनीति में जहां दो सप्ताह का अभियान शामिल था, वहीं नई रणनीति में दो महीने का अभियान शामिल है, जिसमें 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए दो ओआरएस पैकेट और जिंक को सह-पैकेजिंग के रूप में पहले से रखा जाएगा।

इसमें विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से व्यापक IEC और स्वास्थ्य, जल और स्वच्छता, शिक्षा और ग्रामीण विकास सहित कई क्षेत्रों में सहयोग भी शामिल होगा।

2014 में भारत रोटावायरस वैक्सीन शुरू करने वाला पहला देश था। दस्त के कारण होने वाली बाल मृत्यु दर को कम करने में मदद की है।