भारत की देसी गायों की नस्लें बहुत मजबूत हैं और वे हमारी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। लेकिन देसी नस्लों के विकास और संरक्षण के लिए खास कार्यक्रम नहीं होने की वजह से उनकी संख्या कम हो रही है और उनका प्रदर्शन भी क्षमता से कम हो रहा है।
इसलिए, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग ने दिसंबर 2014 में देसी गायों की नस्लों के संरक्षण और विकास के लिए “राष्ट्रीय गोकुल मिशन” शुरू किया।
वर्ष 2021 से पशुपालन और डेयरी विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार दूध उत्पादक किसानों, डेयरी सहकारी समितियों/एमपीसी/एफपीओ और कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों (एआईटी) को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हर साल दिए जाते हैं । इस वर्ष भी राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों के लिए है :
- स्वदेशी गाय/भैंस नस्लों का पालन करने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान
- सर्वोत्तम डेयरी सहकारी समिति (डीसीएस)/ दूध उत्पादक कंपनी (एमपीसी)/ डेयरी किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ)।
- सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी)।
इस वर्ष से, विभाग ने पूर्वोत्तर क्षेत्र ( North East Region ) के राज्यों के लिए एक विशेष पुरस्कार शामिल किया गया है ताकि पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में डेयरी विकास गतिविधियों को प्रोत्साहित और बढ़ावा दिया जा सके।
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकन राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल यानी https://awards.gov.in के माध्यम से 15.07.2024 से ऑनलाइन प्रस्तुत किए जा सकेंगे और नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि 31.08.2024 होगी। ये पुरस्कार राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (26 नवंबर, 2024) के अवसर पर प्रदान किए जाएंगे।