By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
GK ADDAGK ADDAGK ADDA
  • Home
  • National
    NationalShow More
    international womens day 2025
    अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025
    By GK Adda
    Sashakt Panchayat-Netri Abhiyan
    सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान Sashakt Panchayat – Netri Abhiyan
    By GK Adda
    Joint session of Parliament addressed by Draupadi Murmu
    Joint Session of Parliament in India
    By GK Adda
    IMDs 150th Year Celebration
    भारत मौसम विज्ञान विभाग के 150 साल
    By GK Adda
    Observatory Purulia west bengal
    पुरुलिया Purulia में नई वेधशाला observatory
    By GK Adda
  • International
  • Economy
  • Sports
  • Science-Technology
  • Person in News
Notification Show More
Font ResizerAa
GK ADDAGK ADDA
Font ResizerAa
  • National
  • International
  • Economy
  • Science-Technology
  • Sports
  • Person in News
  • National
  • International
  • Economy
  • Science-Technology
  • Sports
  • Person in News
Follow US
GK ADDA > National > V Ramasubramanian joins new Chairperson of the National Human Rights Commission, (NHRC)
NationalPerson in News

V Ramasubramanian joins new Chairperson of the National Human Rights Commission, (NHRC)

GK Adda
Last updated: January 2, 2025 7:19 pm
By GK Adda
Share
5 Min Read
V Ramasubramanian
SHARE

सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के नए अध्यक्ष बने .
झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति (डॉ) विद्युत रंजन सारंगी एनएचआरसी के सदस्य के रूप में शामिल हुए
एनसीपीसीआर के पूर्व अध्यक्ष श्री प्रियांक कानूनगो पिछले सप्ताह आयोग के सदस्य के रूप में शामिल हुए

सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन ने आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष और न्यायमूर्ति (डॉ.) विद्युत रंजन सारंगी ने सदस्य के रूप में कार्यभार संभाला।

यह कार्यभार उनके और पिछले सप्ताह आयोग में सदस्य के रूप में शामिल हुए श्री प्रियांक कानूनगो के स्वागत के लिए आयोजित एक समारोह में संभाला गया। उन्हें माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 21 दिसंबर 2024 को नियुक्त किया था।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति श्री वी. रामसुब्रमण्यन ने मानवाधिकारों को महत्व देने और उनका पालन करने की भारत की प्राचीन परंपरा पर प्रकाश डाला, इससे पहले भी इस अवधारणा को वैश्विक मान्यता मिली थी।

तमिल कवि थिरुवल्लुवर का हवाला देते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मानवाधिकार भारत के सांस्कृतिक ताने-बाने में गहराई से अंतर्निहित हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोगा आधारित प्रयास की आवश्यकता है।

तमिलनाडु के मन्नारगुडी में 30 जून, 1958 को जन्मे न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यन सर्वोच्च न्यायालय के एक प्रतिष्ठित पूर्व न्यायाधीश हैं। उन्होंने चेन्नई के रामकृष्ण मिशन विवेकानंद कॉलेज से रसायन विज्ञान में बीएससी की पढ़ाई पूरी की और बाद में मद्रास लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की।

उन्हें 16 फरवरी, 1983 को बार के सदस्य के रूप में नामांकित किया गया और उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय में 23 वर्षों तक वकालत की। न्यायमूर्ति रामसुब्रमण्यन ने 2006 में मद्रास उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में कार्य किया और 2009 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया।

उन्हें 2016 में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया और विभाजन के बाद, उन्होंने तेलंगाना उच्च न्यायालय में अपना कार्यकाल जारी रखा।

2019 में उन्हें हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया और उसी वर्ष बाद में वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बन गए। 2016 की विमुद्रीकरण नीति और रिश्वतखोरी के मामलों में परिस्थितिजन्य साक्ष्य की वैधता से जुड़े मामलों जैसे ऐतिहासिक मामलों सहित 102 फैसले लिखने के बाद वे 29 जून, 2023 को सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए।

मध्य प्रदेश के विदिशा के मूल निवासी श्री प्रियांक कानूनगो ने माइक्रोबायोलॉजी में बीएससी की डिग्री प्राप्त की है और वे भारत में बाल अधिकारों और शिक्षा के लिए समर्पित वकील रहे हैं। उन्होंने 2018 से 2024 तक दो कार्यकालों के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

अपने कार्यकाल के दौरान, श्री कानूनगो ने भारत के अद्वितीय सांस्कृतिक संदर्भ के अनुरूप बाल कल्याण प्रणालियों की आवश्यकता पर जोर दिया, विदेशी मॉडलों को अपनाने के बजाय “भारतीय समस्याओं के लिए भारतीय समाधान” की वकालत की। उन्होंने पिंजरा-द केज नामक पुस्तक लिखी है, जो बच्चों की देखभाल से जुड़े संस्थानों में उनके जीवन का व्यापक रूप से पता लगाती है।

उनके नेतृत्व में, एनसीपीसीआऱ ने बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई पहल कीं, जिसमें बच्चों को अनुचित सामग्री से बचाने के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म को विनियमित करना शामिल है। उन्होंने हितधारकों की सहभागिता को बेहतर बनाने के लिए कई पोर्टल भी पेश किए और अपने कार्यकाल के दौरान 100,000 से अधिक शिकायतों का समाधान किया।

न्यायमूर्ति (डॉ.) विद्युत रंजन सारंगी का जन्म 20 जुलाई, 1962 को ओडिशा के नयागढ़ जिले में हुआ था। वे एक प्रख्यात विधिवेत्ता हैं, जिन्हें भारतीय कानून में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने कटक के एमएस लॉ कॉलेज से एलएलबी और एलएलएम की डिग्री प्राप्त की है तथा संबलपुर विश्वविद्यालय से कानून में पीएचडी की है।

डॉ. सारंगी ने 1985 में अपना कानूनी करियर शुरू किया, तथा 27 वर्षों से अधिक समय तक सिविल, आपराधिक, संवैधानिक और प्रशासनिक कानून में वकालत की। उन्हें उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए 2002 में स्वर्ण पदक के साथ प्रतिष्ठित “हरिचरण मुखर्जी मेमोरियल पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।

20 जून 2013 को उन्हें उड़ीसा उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने 152,000 से अधिक मामलों का निपटारा किया और लगभग 1,500 निर्णय लिखे। जुलाई 2024 में, वे झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। न्यायमूर्ति सारंगी ने ओडिशा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और किशोर न्याय समिति सहित विभिन्न कानूनी और प्रशासनिक समितियों में योगदान दिया है, और कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वैधानिक संगठनों के सक्रिय सदस्य हैं।

Share This Article
Facebook Copy Link Print
Leave a Comment Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

GK Adda : GK Anytime, Anywhere

GK , Current Affairs, News, Views and Analysis
Latest Updates
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025

हर साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ( International womens Day 2025 ) 8 मार्च को दुनिया…

विराट कोहली 300 वन डे खेलने वाले छठे खिलाडी बने।

विराट कोहली ने रविवार को एक बार फिर क्रिकेट इतिहास की किताबों…

सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान Sashakt Panchayat – Netri Abhiyan
Joint Session of Parliament in India

A joint session of the Indian Parliament is a significant event in…

भारत मौसम विज्ञान विभाग के 150 साल

भारत में मौसम विज्ञान की शुरुआत प्राचीन काल से मानी जा सकती…

पुरुलिया Purulia में नई वेधशाला observatory

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, एसएन बोस सेंटर फॉर…

इन्लैंड वॉटरवेज़ डेवलपमेंट काउंसिल क्या है ?

इन्लैंड वॉटरवेज़ डेवलपमेंट काउंसिल (IWDC) की स्थापना अक्टूबर 2023 में हुई थी…

Your one-stop resource for medical news and education.

Your one-stop resource for medical news and education.
Sign Up for Free

You Might Also Like

SAIL certified as Great Place to Work for the second time
NationalEconomy

SAIL certified as Great Place to Work for the second time

By GK Adda
what is Bharatpol
National

भारतपोल Bharatpol क्या है , यह कैसे काम करेगा, और यह विभिन्न जांच एजेंसियों की कैसे मदद करेगा?

By GK Adda
Dr K S Manilal botanist
Person in News

प्रसिद्ध वनस्पतिशास्त्री के.एस. मणिलाल का निधन

By GK Adda
Labani Jangi first TM Krishna-PARI award
Person in NewsNational

पश्चिम बंगाल की कलाकार और शोधकर्ता लाबनी जंगी Labani Jangi ने जीता पहला टीएम कृष्णा-PARI पुरस्कार TM Krishna-PARI

By GK Adda
Facebook Twitter Pinterest Youtube Instagram
GK ADDA
  • Economy
  • International
  • National
  • Person in News
  • Science-Technology
  • Sports
More Info
  • National
  • International
  • Economy
  • Science-Technology
  • Sports
  • Person in News

Sign Up For Free

Subscribe to our newsletter

[mc4wp_form]

Join our Whatsapp Channel

Powered by GK ADDA

Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?