भारत ने ट्रेकोमा को ख़त्म कर दिया ( Elimination of trachoma in India )

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Trachoma elimination India

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने घोषणा की है कि भारत ने 2024 में ट्रेकोमा को खत्म कर दिया है। इस उपलब्धि के साथ, भारत दक्षिण-पूर्व एशिया के तीसरे देश के रूप में सामने आया है, जिसने यह लक्ष्य हासिल किया है।

ट्रेकोमा एक जीवाणु संक्रमण है जो आंखों को प्रभावित करता है और अगर इसका सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह अंधेपन का कारण बन सकता है।

ट्रेकोमा, जो एक समय भारत में अंधेपन का मुख्य कारण था, 1950-60 के दशक में बड़े पैमाने पर फैला हुआ था। इसे खत्म करने के लिए भारत सरकार ने 1963 में राष्ट्रीय ट्रेकोमा नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया, जिसे बाद में अंधेपन नियंत्रण कार्यक्रम में शामिल किया गया। 1971 में ट्रेकोमा के कारण अंधापन 5% था, जो अब घटकर 1% से भी कम हो गया है।

2017 में भारत को संक्रामक ट्रेकोमा से मुक्त घोषित किया गया, और 2024 तक इस पर निगरानी रखी गई। आखिरकार, डब्ल्यूएचओ ने भारत की इस बड़ी उपलब्धि की पुष्टि की कि देश ने ट्रेकोमा को एक जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में समाप्त कर दिया है।

ट्रेकोमा क्या है ?

ट्रेकोमा एक संक्रामक आंखों का संक्रमण है, जो क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह मुख्य रूप से आंखों को प्रभावित करता है और अगर इसे ठीक से इलाज नहीं किया जाए, तो यह गंभीर जटिलताओं, जैसे अंधेपन, का कारण बन सकता है। यहाँ ट्रेकोमा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं:

  1. संक्रमण: ट्रेकोमा संक्रमित व्यक्तियों की आंखों, पलकों या नाक के स्राव के सीधे संपर्क से फैलता है। यह दूषित वस्तुओं, जैसे तौलिए या कपड़ों, के माध्यम से भी फैल सकता है।
  2. लक्षण: प्रारंभिक लक्षणों में आंखों में जलन, redness, और डिस्चार्ज शामिल हैं। उन्नत चरणों में, यह पलकों के निशान को बनाता है, जिससे eyelashes अंदर की ओर मुड़ जाते हैं (ट्रिचियासिस) और कॉर्निया को खरोंचने का कारण बन सकता है, जिससे दृष्टि हानि हो सकती है।
  3. रोकथाम: ट्रेकोमा के फैलाव को रोकने के लिए स्वच्छता और सफाई में सुधार करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें नियमित हाथ धोना, चेहरे की सफाई, और व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा करने से बचना शामिल है।
  4. उपचार: ट्रेकोमा का प्रभावी उपचार एंटीबायोटिक्स, जैसे कि एज़िथ्रोमाइसिन, के माध्यम से किया जा सकता है। यदि बीमारी के उन्नत मामलों में, सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है।
  5. वैश्विक प्रभाव: ट्रेकोमा कुछ विकासशील देशों में एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहाँ स्वच्छता की कमी है और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सीमित है। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा एक उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  6. उन्मूलन प्रयास: कई देशों ने ट्रेकोमा को खत्म करने के लिए SAFE रणनीति को लागू किया है, जिसमें सर्जरी (उन्नत मामलों के लिए), एंटीबायोटिक्स (संक्रमण का इलाज करने के लिए), चेहरे की सफाई, और पर्यावरण सुधार (संक्रमण को कम करने के लिए) शामिल है।

संक्षेप में, ट्रेकोमा एक रोका जा सकने वाला और इलाज योग्य रोग है, लेकिन यह कुछ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा की कमी और खराब जीवन स्थितियों के कारण अंधेपन का एक महत्वपूर्ण कारण बना हुआ है।