2024 में भारत के विदेश संबंधों की मुख्य उपलब्धियां
- भारत-चीन संबंध:
- वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ सैनिकों की वापसी का समझौता हुआ।
- पांच साल बाद ब्रिक्स सम्मेलन (रूस) में मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात एक बड़ा मोड़ थी।
- फ्रांस के साथ मजबूत रिश्ते:
- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि रहे।
- रक्षा, ऊर्जा और समुद्री सहयोग में संबंध और मजबूत हुए।
- भारत-यूरोप मुक्त व्यापार समझौता (FTA):
- यूरोप के साथ भारत का पहला FTA बना, भविष्य के समझौतों के लिए उदाहरण पेश किया।
- हालांकि ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के साथ FTAs पर कोई प्रगति नहीं हुई।
- क्षेत्रीय कूटनीति:
- भूटान, श्रीलंका और मालदीव के साथ सफल द्विपक्षीय वार्ताएं हुईं।
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान में SCO शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जो लगभग एक दशक में पहली यात्रा थी।
चुनौतियां और चिंताएं
- बांग्लादेश संकट:
- प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता से हटने के बाद संबंध खराब हुए।
- हिंदू अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले भारत के लिए बड़ी चिंता बने।
- कनाडा के साथ संबंध:
- भारत पर निज्जर हत्या में शामिल होने के आरोपों ने रिश्तों में खटास ला दी।
- भारत ने पीएम जस्टिन ट्रूडो को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग कर दिया, 2025 में नए नेतृत्व की उम्मीद की।
- अमेरिका के साथ जटिलताएं:
- अदानी समूह और एक भारतीय अधिकारी के खिलाफ आरोपों ने मुश्किलें बढ़ाईं।
- डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने और उनके भारत समर्थक टीम से राहत की उम्मीद।
- चीन का पड़ोस में प्रभाव:
- नेपाल और दक्षिण एशिया में चीन की बढ़ती गतिविधियां चुनौती बनी रहीं।
वैश्विक संघर्ष और भारत की भूमिका
- रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा संघर्ष:
- भारत ने शांति का पक्ष लिया और तटस्थ रुख अपनाया।
- पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन दोनों का दौरा किया, जिससे भविष्य में मध्यस्थता की संभावना जताई गई।
- इजराइल-गाजा युद्ध पर संतुलित रुख रखा, लेकिन यूएन में इजराइल के खिलाफ प्रस्तावों से दूरी बनाई।
- पश्चिम एशिया में कूटनीति:
- बहुपक्षीय योजनाओं (IMEC, I2U2) में चुनौतियों के बावजूद, द्विपक्षीय संबंध मजबूत किए।
- 2025 में ईरान और इजराइल-अमेरिका गठजोड़ के बीच संतुलन बनाना बड़ी चुनौती होगी।
2025 के प्रमुख कूटनीतिक कार्यक्रम
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के क्वाड सम्मेलन में आएंगे; पीएम मोदी वॉशिंगटन का दौरा करेंगे।
- ईरान के मंत्री और अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन भारत आएंगे।
- यूक्रेन युद्ध के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत की पहली यात्रा।
- इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि होंगे।