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GK ADDA > International > Jimmy Carter , the 39th and longest-lived US President, dies at 100
International

Jimmy Carter , the 39th and longest-lived US President, dies at 100

GK Adda
Last updated: January 1, 2025 9:41 pm
By GK Adda
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5 Min Read
जिमी कार्टर
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर की मृत्यु हो गयी है। जिमी कार्टर अमेरिका के 39वे राष्ट्रपति थे। उनकी उम्र 100 वर्ष थी

जिमी कार्टर का जीवन और योगदान

जिमी कार्टर ने 1977 से 1981 तक अमेरिका के 39वें राष्ट्रपतिथे । उन्हें 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें अंतरराष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण समाधान खोजने, लोकतंत्र और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने, और आर्थिक व सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए उनके कार्यों के लिए मिला।

कार्टर ने सरकार को “कुशल और दयालु” बनाने की कोशिश की, ऐसी सरकार जो अमेरिकी लोगों और उनकी अपेक्षाओं का उत्तरदायी हो। उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल कीं, लेकिन बढ़ती ऊर्जा लागत, महंगाई और अन्य चुनौतियों के बीच उनकी सरकार से लोगों की सारी उम्मीदें पूरी करना मुश्किल था।

जिमी कार्टर का पूरा नाम जेम्स अर्ल कार्टर जूनियर है, जिसे वह कम ही इस्तेमाल करते थे। उनका जन्म 1 अक्टूबर 1924 को जॉर्जिया के प्लेन्स में हुआ। उनका बचपन मूंगफली की खेती, राजनीति की चर्चा, और बैपटिस्ट धर्म के प्रति समर्पण के साथ बीता।

1946 में उन्होंने मैरीलैंड के अन्नापोलिस में नेवल अकादमी से स्नातक किया और रोज़लिन स्मिथ से शादी की। उनके चार बेटे – जॉन विलियम (जैक), जेम्स अर्ल III (चिप), डॉनेल जेफ्री (जेफ) और एक बेटी एमी लिन हैं।

राजनीतिक यात्रा
नौसेना अधिकारी के रूप में सात साल सेवा देने के बाद, कार्टर प्लेन्स लौट आए। 1962 में उन्होंने राज्य राजनीति में प्रवेश किया और 1970 में जॉर्जिया के गवर्नर बने। उन्होंने पर्यावरण, सरकारी कामकाज में दक्षता, और नस्लीय बाधाओं को हटाने पर जोर दिया।

1974 में उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की और दो साल तक अभियान चलाया। 1976 में डेमोक्रेटिक सम्मेलन में उन्हें पहली बार में ही नामित किया गया। उन्होंने अपने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में मिनेसोटा के सीनेटर वाल्टर एफ. मोंडेल को चुना। कार्टर ने राष्ट्रपति गेराल्ड आर. फोर्ड के खिलाफ कड़ी मेहनत से चुनाव प्रचार किया और 297 इलेक्टोरल वोटों से जीत हासिल की।

राष्ट्रपति कार्यकाल
कार्टर ने महंगाई और बेरोजगारी जैसी आर्थिक समस्याओं से निपटने के लिए कड़ी मेहनत की। उनके कार्यकाल के अंत तक, लगभग आठ मिलियन नई नौकरियां सृजित हुईं और बजट घाटा कम हुआ। हालांकि, महंगाई और ब्याज दरें उच्चतम स्तर पर थीं, और इन्हें नियंत्रित करने के प्रयासों से थोड़ी मंदी आई।

उन्होंने घरेलू मामलों में कई महत्वपूर्ण कार्य किए। ऊर्जा संकट से निपटने के लिए राष्ट्रीय ऊर्जा नीति बनाई और पेट्रोलियम की कीमतों को नियंत्रित किया। सिविल सेवा सुधार और परिवहन व विमानन उद्योगों में नियमों में ढील देकर सरकारी दक्षता को बढ़ावा दिया। पर्यावरण संरक्षण के लिए उन्होंने अलास्का की 103 मिलियन एकड़ जमीन को संरक्षित किया।

मानव और सामाजिक सेवाओं में सुधार के लिए शिक्षा विभाग की स्थापना की, सोशल सिक्योरिटी प्रणाली को मजबूत किया, और सरकार में महिलाओं, अश्वेतों और हिस्पैनिक लोगों की संख्या बढ़ाई।

विदेश नीति और चुनौतियां
कार्टर ने मानवाधिकारों की वकालत की, जिसे सोवियत संघ और कुछ अन्य देशों ने गर्मजोशी से नही लिया। 1978 में कैंप डेविड समझौते के माध्यम से उन्होंने मिस्र और इज़राइल के बीच शांति स्थापित करने में मदद की। उन्होंने पनामा नहर संधियों को मंजूरी दिलाई और चीन के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किए।

हालांकि, कुछ गंभीर चुनौतियां भी थीं। अफगानिस्तान में सोवियत आक्रमण के कारण SALT II परमाणु संधि पर हस्ताक्षर रुक गए। ईरान में अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों को बंधक बनाए जाने की घटना ने उनके कार्यकाल के अंतिम 14 महीने प्रभावित किए। इन संकटों और घरेलू महंगाई ने 1980 में कार्टर की हार में योगदान दिया।

कार्टर ने बंधकों की रिहाई के लिए आखिरी समय तक कोशिश की। ईरान ने 52 अमेरिकियों को उसी दिन रिहा किया जब कार्टर ने पद छोड़ा।


जिमी कार्टर ने कुशल, दयालु और सशक्त नेतृत्व का परिचय दिया। उनकी उपलब्धियां उन्हें इतिहास में एक प्रेरणादायक नेता के रूप में स्थान देती हैं।

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