एनआईआरएफ (NIRF) रैंकिंग NIRF Rankings 2025भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता और प्रदर्शन का मूल्यांकन करने वाला आधिकारिक फ्रेमवर्क है, जिसे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय हर साल जारी करता है. 2025 की नवीनतम रिपोर्ट में IIT मद्रास ने ओवरऑल कैटेगरी में पहला स्थान हासिल किया है, जबकि विश्वविद्यालय श्रेणी में IISc बेंगलुरु शीर्ष पर रहा.
एनआईआरएफ क्या है?
- नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 2015 में शुरू किया गया एक तंत्र है.
- एनआईआरएफ रैंकिंग में शिक्षण, अनुसंधान, प्लेसमेंट, समावेशिता, संसाधन और प्रतिष्ठा जैसे कई मानदंडों के आधार पर कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की रैंकिंग की जाती है.
- इसके ज़रिए छात्रों, अभिभावकों, शोधार्थियों और नीति-निर्माताओं को संस्थान चुनने में पारदर्शिता मिलती है.
एनआईआरएफ रैंकिंग 2025: मुख्य परिणाम
- ओवरऑल कैटेगरी में IIT मद्रास (चेन्नई) ने लगातार सातवीं बार शीर्ष स्थान प्राप्त किया
- यूनिवर्सिटी कैटेगरी में IISc बैंगलोर नंबर-1 पर रहा, जबकि JNU, BHU, DU, जामिया और मणिपाल एकेडमी टॉप 10 में शामिल हुए
- इंजीनियरिंग में भी IIT मद्रास टॉप पर रहा; मैनेजमेंट कैटेगरी में IIM अहमदाबाद तथा मेडिकल कैटेगरी में AIIMS दिल्ली शीर्ष पर रहे
ओवरऑल टॉप 10 संस्थान (2025)
रैंक | संस्थान |
---|---|
1 | IIT मद्रास, चेन्नई |
2 | IISc बेंगलुरु |
3 | IIT बॉम्बे |
4 | IIT दिल्ली |
5 | IIT कानपुर |
6 | IIT खड़गपुर |
7 | IIT रुड़की |
8 | AIIMS दिल्ली |
9 | जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय |
10 | बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी |
रैंकिंग के मानदंड
- शिक्षण एवं संसाधन गुणवत्ता (Teaching & Learning Resources)
- अनुसंधान एवं व्यावसायिक अभ्यास (Research & Professional Practices)
- स्नातक परिणाम (Graduation Outcomes)
- समावेशिता और आउटरीच (Outreach & Inclusivity)
- धारणा व प्रतिष्ठा (Perception)
महत्वपूर्ण बदलाव व नई बातें
- साल 2025 की रैंकिंग में सतत विकास लक्ष्य (SDGs), राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020), भारतीय ज्ञान प्रणाली, क्षेत्रीय भाषाओं को भी मानदंडों में शामिल किया गया
- कई संस्थानों की रैंकिंग में बदलाव देखने को मिले हैं; उदाहरण के लिए इस बार ओवरऑल कैटेगरी में BHU की एंट्री हुई है.
एनआईआरएफ रैंकिंग न सिर्फ युवाओं के लिए कॉलेज चयन में सहायक है, बल्कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को आँकने के लिए भारत सरकार की एक पारदर्शी और महत्वपूर्ण पहल बन चुकी है