केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन को मार्च 2025 तक बढ़ा दिया है।
- स्मार्ट सिटी मिशन भारत में शहरी विकास का एक नवीन प्रयोग है, यह जून 2015 में शुरू हुआ।
- इस मिशन मुख्य नवाचारों में शामिल हैं:
- शहरों के बीच चयन के लिए आपसी प्रतियोगिता।
- हितधारक-प्रेरित परियोजना चयन।
- कार्यान्वयन के लिए विशेष प्रयोजन वाहन special purpose vehicle का गठन।
- शहरी शासन के लिए प्रौद्योगिकी और डिजिटल समाधान का उपयोग।
- प्रमुख शैक्षणिक और व्यावसायिक संस्थानों द्वारा तृतीय-पक्ष प्रभाव मूल्यांकन।
- 100 शहरों ने 8,000 से अधिक परियोजनाएं विकसित कीं, जिनकी कुल लागत लगभग ₹1.6 लाख करोड़ है।
- 3 जुलाई 2024 तक:
- 7,188 परियोजनाएं (90%) पूरी हुईं, जिनकी कुल लागत ₹1,44,237 करोड़ है।
- 830 परियोजनाएं, जिनकी लागत ₹19,926 करोड़ है, उन्नत चरण में हैं।
- वित्तीय प्रगति:
- सरकार द्वारा बजट आवंटन: ₹48,000 करोड़।
- जारी की गई राशि: ₹46,585 करोड़ (बजट का 97%)।
- जारी की गई राशि का उपयोग: 93%।
- 100 शहरों में से 74 को पूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
- कुछ राज्यों और शहर सरकारों ने बाकी परियोजनाओं के लिए अधिक समय की मांग की।
- भारत सरकार ने मिशन अवधि को बिना अतिरिक्त लागत के 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दिया है, ।
- अब सभी परियोजनाएं इस नई समय सीमा तक पूरी होने की उम्मीद है।